शुक्लंबरधरम विष्णुम शशिवर्णं

शुक्लंबरधरम विष्णुम शशिवर्णं चतुर्भुजं प्रसन्ना वदनं ध्यायेत सर्व विघ्नोपशंताये

सनातन धर्म में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेने की प्रथा है। भगवान विष्णु की स्तुति में एक श्लोक का जाप करके आशीर्वाद मांगा जाता है। यह प्रक्रिया व्यक्ति को सकारात्मक सोच और ऊर्जा देगी।

श्लोक का अर्थ इस प्रकार है:

हे भगवान विष्णु, जो चार हाथों वाले मनभावन रंग वाले सफेद वस्त्र पहने हुए हैं, कृपया मेरे काम के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करें।

संस्कृत में विष्णु का अर्थ सर्वव्यापक है। एक तत्त्व जो हर जगह और सभी वस्तुओं में मौजूद है। विष्णु का दूसरा अर्थ रक्षक है। प्रारंभ में हमारे ऋषियों ने निर्गुण ब्रह्म पर चिंतन किया। एक आम आदमी के लिए निर्गुण तत्व पर ध्यान केंद्रित करना कठिन था। इसलिए लोग सगुण ब्रम्हा का चिंतन करने लगे। तब उन्होंने कल्पना की कि देवताओं में बहुत शक्ति है और वे उनकी पूजा करने लगे। शुरुआती लोगों के लिए यह एक आसान तरीका था।